महात्मा गौतम बुद्ध की प्रेरणादायक अनमोल विचार, जानिए गौतम बुद्ध क्या कहते है?

 बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा गौतम बुद्ध के अनमोल विचारों से व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने और सफल होने की प्रेरणा मिलती है. यही कारण है कि भारत समेत दुनियाभर में बौद्ध धर्म को मानने वाले हैं. गौतम बुद्ध से जुड़ी ऐसी कई कहानियां हैं, जिससे जीवन में सफलता ने नए और सटीक मार्ग प्रशस्त होते हैं.


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सफलता शब्द हर किसी को लुभाती है और हर कोई सफलता को प्राप्त करना चाहता है, लेकिन सफलता हर किसी को नहीं मिल पाती. लेकिन आपने सोचा है कि आखिर इसका कारण क्या है. इसका जवाब आपको गौतम बुद्ध के जीवन से जुड़ी इस कहानी से मिलेगा. इस कहानी के माध्यम से आप यह जान पाएंगे कि, सफलता के लिए किए जाने वाले प्रयासों में हमसे कहां चूक हो जाती है, जिस कारण असफलता का सामना करना पड़ता है.



सफलता से जुड़ी गौतम बुद्ध की कहानी इस प्रकार है



एक बार गौतम बुद्ध अपने भिक्षुओं के साथ एक गांव से गुजर रहे थे. उस गांव में पानी की व्यवस्था न होने के कारण लोग परेशान थे. गांव के लोगों को पानी लाने के लिए बहुत दूर जाना पड़ता था. गांव के निकट बहुत बड़ा मैदान था, जिसमे छोटे-छोटे बहुत सारे गड्ढे खुदे हुए थे. एक भिक्षु ने अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए गौतम बुद्ध से पूछा कि, गांव के इस मैदान में जो इतने सारे गड्ढे खुदे हुए हैं आखिर उनका क्या उपयोग है?



बुद्ध ने मुस्कुराते हुए अपने भिक्षु को जवाब देते हुए कहा कि,  प्रिय भिक्षु इस गांव में पानी की समस्या है इसीलिए गांव वालों ने पानी की खोज में ये छोटे-छोटे गंड्ढे खोदे हैं. इतना सुनते ही भिक्षु उन गंड्ढों में पानी ढूंढने लगता है, लेकिन उसे पानी की बूंद भी नहीं मिलती.



फिर वह गौतम बुद्ध से कहता है कि इन गड्ढों में तो पानी ही नहीं है. गौतम बुद्ध कहते हैं, तुम्हें वहां लोगों की भीड़ दिख रही है? वे सभी लोग गांव से दूर एक नदी की ओर पानी लाने के लिए जा रहे हैं. इस पर भिक्षु पूछता है कि, क्या इस गांव के जमीन में बिल्कुल भी पानी नहीं है?



गौतम बुद्ध कहते हैं- पानी तो है, लेकिन गांव में ऐसा कोई नहीं है जो पानी को ढूंढ सके. भिक्षु को बुद्ध की बात समझ नहीं आती. तब गौतम बुद्ध कहते हैं, गांव के लोगों ने पानी की खोज में ही मैदान में इतने सारे गड्ढे तो कर दिए हैं. लेकिन इसके बावजूद उन्हें पानी प्राप्त नहीं हुआ.



तुम जानते हो ऐसा क्यों? इसका कारण यह है कि समस्या के समाधान के लिए सही जगह परिश्रम नहीं की गई है. यदि गांव के लोग अलग-अलग कई गड्ढे करने के बजाय, सही दिशा में केवल एक गड्ढा ही करते जोकि सौ गड्ढों के बराबर होता तो इन्हें अवश्य ही पानी मिल जाता.



सीख- गौतम बुद्ध से जुड़ी इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि, मनुष्य का मन भी ठीक इसी तरह से सौ दिशाओं में भागता है. लेकिन यदि मन को एक दिशा में केंद्रित कर काम किया जाए तो लक्ष्य तक अवश्य ही पहुंचा जा सकता है और सफलता भी प्राप्त की जा सकती है. असफलता का कारण मन का चारों ओर भटकना ही है.

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